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विस्तार : सीक्रेट ऑफ डार्कनेस (भाग : 32)


वातावरण स्याहियों से घिरा हुआ था। अंधेरा इतना सघन था कि कुछ भी देख सकना या अनुमान लगा पाना सम्भव नही था। चारों ओर से सैकड़ो लोगो के तेजी से चलने की आवाजें आ रही थीं। वातावरण कदाचित अपशकुन के लक्षणों के परिपूर्ण था, चलने वालों के हुंकार से वे अत्यधिक खूँखार परिलक्षित हो रहे थे। उनके चलने और मुख से उत्पन्न हो रहे स्वर बहुत अधिक वीभत्स एवं डरावने थे। अब आगे एक खौलती आग का एक समुद्र था जो समुद्र से भी विशाल था, चलने के रास्ते के नाम पर नाममात्र का तिल भर चौड़ा रास्ता था जिससे नीचे गिरने का मतलब निश्चय ही एक दर्दनाक मौत था और इसपर चल पाना सम्भव नही था।

दहकती हुई आग में उनके सुर्ख पड़े चेहरे दिखाई दे रहे थे, जिसमें वे पहचाने जा सकते थे।  यह सुपीरियर लीडर और उसकी सुपीरियर आर्मी थी, एक ऐसा सेना जिसे देखने मात्र से कलेजा उबल-उबलकर गले के रास्ते बाहर आने को बेचैन हो जाता। भयावह एवं कुरूप राक्षसों की एक सेना, जिन्हें देखने मात्र से हृदयाघात आना भी सामान्य लगे इस दहकती आग के समक्ष उलझे हुए दिखाई दे रहे थे।

सुपीरियर लीडर काफी परेशान था, उसके स्याह चेहरे पर उभरी परेशानियां आग के समुद्र की रौशनी में स्पष्टया दिखाई दे रहीं थी। वह यहां से आगे जाने का रास्ता सोंच रहा था।

"ये वीर कहाँ रह गया!" सुपीरियर लीडर झुंझलाहट भरे स्वर में बोला। प्रत्युत्तर में उसकी राक्षसी सेना ने इशारा करते हुए भीषण हुंकार किया जिसका अर्थ था वे नही जानते। उनके हुंकार से यह स्थान दहल गया, सुपीरियर लीडर और परेशान होने लगा।

"शांत हो जाओ मूर्खों यहां से हमें सावधानी से बढ़ना था पर तुम सबने सब बेकार कर दिया अब मैं अपनी शक्तियों का प्रयोग कर मार्ग बनाऊंगा तुम सबको कुछ समय मिलेगा उतने में अगर मार्ग पार कर उस तरफ पहुंच गए तो ठीक अन्यथा इस खौलते लावे में गिरकर भून जाओगे।" सुपीरियर लीडर क्रोध भरे स्वर में बोला। उसका कहना गलत नही था, उनके पीछे के ओर का पर्वत टूटने लगा, ऐसा महसूस हुआ जैसे हजारों पत्थर एक साथ इनकी दिशा में बढ़ रहे हों।

सुपीरियर लीडर घुटनों के बल बैठते हुए उस मार्ग को दोनो हाथो से पकड़ते हुए अपनी आँखे बन्दकर कुछ बुदबुदाने लगा। मार्ग पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा, पर्वत से लुढ़कती हुई चट्टानों के वेग अब अधिक हो चुका था, इस मार्ग पर उड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ था इसलिए अब बचने का कोई मार्ग शेष न था, लुढ़कते हुए चट्टानें उनका काल बनकर तेजी से उनकी ओर बढ़ी चली आ रही थी।

"हो जा.. हो जा हो जा!" अपने दाएं घुटने को मार्ग पर रखते हुए, हाथो से पांव पकड़ते हुए वह बोलने लगा। हल्की सी गड़गड़ाहट हुई अगले ही क्षण मार्ग विस्तृत होकर फैलने लगा। सभी उस मार्ग पर दौड़ते हुए तेजी से उस पार जाने लगे, सुपीरियर लीडर ऐसा महसूस कर रहा था मानो उसने ही इन सब का भार उठाया हुआ हो, उसका शरीर दर्द से अकड़ने लगा। अब तक सभी मार्ग को मध्य तक पार कर चुके थे, एक चट्टान सुपीरियर लीडर के बिल्कुल पास से गुजर गई, उसका खुद से नियन्त्रण गड़बड़ होने लगा। कई चट्टाने और उसकी दिशा में बढ़ने लगी, वह अपने शक्ति के एक अंश का प्रयोग कर उन चट्टानों को रोकता था। उसका संतुलन गड़बड़ हो रहा था, अब तक उसकी आधी सेना दूसरे पार पहुँच चुकी थी, चट्टानों का यह भीषण वेग उससे सम्भाला नही जा रहा था, वह वहां से तेजी से भागना शुरू किया। जैसे ही उसके कदम आगे बढ़े पीछे से टूटते हुए मार्ग फिर सिकुड़ने लगा, चट्टानें लावे में गिरकर विचित्र रूप से डूबने के बजाए लावे के तल पर हल्का सा डूबकर तैर रहीं थी।

सुपीरियर लीडर तेजी से दौड़ रहा था उसके पीछे का रास्ता खत्म होता जा रहा था, वह दुबारा नष्ट होना नही चाहता था क्योंकि उसकी और वीर की बनावट नराक्ष की पूरी सेना में सबसे भिन्न थी, उनके पास मानवीय शरीर को धारण करने की योग्यता मौजूद थी। भागते हुए वह अपनी सेना के पास पहुंच गया अब भी कुछ लोग मार्ग में अटके हुए थे, सुपीरियर लीडर को भागते देख सभी भागने लगे। मार्ग उनके पैरों के तले से गायब होने लगा, सुपीरियर लीडर के पास कोई अन्य मार्ग शेष न था वह मार्ग के बीचों बीच दौड़ते हुए अपनी सेना के बीच से निकलते हुए आगे बढ़ गया। उसके पीछे सैकड़ों सुपीरियर्स लावे के भेंट चढ़ते जा रहे थे। मार्ग उसके कदमों तले से भी गायब हो चुका था, उसका हृदय की धड़कने तेज गति से बढ़ने लगीं, उसने आँखे बन्दकर अगला कदम रखा और धड़ाम से गिर गया, तेजी से गिरते ही उसने अपने दोनों हाथ सामने की ओर फैला दिए और वह हवा में लटका रह गया। उसे आश्चर्य हुआ, उसने आँखे खोली तो वह मार्ग को पार कर चुका था और इस स्थान पर उसकी उड़नशक्ति भी कार्य कर रही थी।

"उफ्फ.. ये इंसानी शरीर अभी इंसानी मनोभावों को नही भुला है, मुझे इस बात को वीर से छुपाना होगा अन्यथा वह रोज मजाक उड़ाएगा।" सुपीरियर लीडर झुंझलाकर उठते हुए बोला।

सभी एक दिशा में आगे बढ़ने लगे, सामने की ओर एक विशाल स्तम्भ दिखाई दे रहा था, स्तम्भ पर कुछ लिखा हुआ था परन्तु वहां से हल्का सा टूटा हुआ था। स्तम्भ के बिल्कुल ऊपर विशाल ओमेगा चिन्ह बना हुआ था, जो अंधेरे की दुनिया का प्रतीक बना हुआ था, आज वह थोड़ा क्षतिग्रस्त दिखाई पड़ रहा था।

"चलो अब उस ग्रेमन को उसकी औकात याद दिलाते हैं!" सुपीरियर लीडर उत्साह भरते हुए उत्साहित स्वर में बोला।

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एक विचित्र सा स्थान जहाँ से चारो ओर केवल मनहूसियत की बू आ रही थी। वातावरण में इतनी सड़ी हुई बदबू फैली थी कि दम घुट रहा था। यही पर दो छायाकृतियाँ हड्डियों नजर आ रही थीं जिनमे से छोटे आकार वाला हाथ में हड्डियों के गुच्छे को लिए हुए कुछ बुदबुदा रहा था।

"हम डेथ डीमन्स को बना पाने में असमर्थ रहे हैं लार्ड ग्रेमन!" डार्क लीडर का निराश स्वर उभरा। ग्रेमन चुप रहा, उसके नथुने भभक रहे थे। उसके चेहरे पर एक विषैली मुस्कान कायम हो गयी।

"पिछली बार डार्क फेयरीज़ और मैत्रा ने मिलकर यहीं से उनका निर्माण किया था, अगर कोई एक डीमन बचा होता तो भी मैं इन सबको दुबारा बना लेता।" डार्क लीडर अब भी निराशा लिए हुए सिर झुकाकर खड़ा था। उसकी बुझ-बूझकर जलती लपटों से पता चल रहा था कि वह ग्रेमन के सामने असफल होकर कितना निराश था। उसने सिर ऊपर उठाकर देखा ग्रेमन कि चेहरे पर अब भी तीक्ष्ण मुस्कान फैली हुई थी।

"क्या हुआ स्वामी?" वह यह पूछे बिना न रह सका।

"तुम्हें क्या लगता है कि मैं इतना बेवकूफ हूँ?" मुस्कुराते हुए ग्रेमन बोला।

"नही स्वामी! हरगिज नही। परन्तु आप हर समय ऐसे व्यवहार बदलते रहते हैं कुछ समझ नही आता।" डार्क लीडर सिर झुकाये हुए बोला।

"अगर तुम्हारा मानना है कि डेथ डीमन्स बाजी को हमारे हाथ में लाकर रख देंगे और एक नमूने से तुम इन सबको बना पाओगे तो हाजिर है तुम्हारे समक्ष एक सदियो पुराना डेथ डीमन!" ग्रेमन की मुस्कान और चौड़ी हो गयी, वातावरण में बदबू और बढ़ने लगा। डार्क लीडर ने देखा सामने की ओर से एक विशाल दानव उनकी ओर बढ़ता चला आ रहा है, उसके चेहरे पर भी मुस्कान खिलने लगी।

"आप वाकई बहुत महान है स्वामी! अब विस्तार को कोई नही बचा पायेगा।" अचानक डार्क लीडर के मुख पर घृणा के भाव उतर आए।

"जब तुम अचानक से उसे मारने जा रहे थे तो लौट क्यों आये लीडर?" ग्रेमन उपहास करते हुए बोला।

"इनके लिए स्वामी! क्योंकि मुझे डर है कहीं नराक्ष भी अपनी कोई घटिया चाल न चल दे, उससे इस साम्राज्य को सुरक्षित करना मेरी जिम्मेदारी है लार्ड ग्रेमन!" डार्क लीडर बिखरे हुए हड्डियों के ढांचे को दिखाते हुए बोलता है, जिससे ग्रेमन के चेहरे पर फैली मुस्कान और गहरी हो जाती है।

"तुमने बहुत अच्छा कार्य किया है लीडर! तुमने सदैव मेरे हृदय को खुश किया है, अब तुम्हें तुम्हारी हर सजा से मुक्त किया जाता है।" ग्रेमन अपने हाथों को विचित्र रूप से घुमाते हुए बोला, उसकी सींगे तीव्रता से चमकने लगीं, वातावरण अजीब ढंग से बदलने लगा। थोड़ी देर बाद वातावरण फिर से सामान्य हो गया, डार्क लीडर अब खुदको पहले से अधिक शक्तिशाली महसूस कर रहा था। वह डीमन उनके समक्ष आ चुका था, डार्क लीडर उसकी संरचना को एक्जामिन करने लगा। अगले ही क्षण वहां तेज धुंआ उठना आरम्भ हुआ, वातावरण में सैकड़ो चीखने की आवाजें घुलने लगीं। गहरे धुंए के कारण कुछ भी दिखाई नही दे रहा था, काले आकाश में काले बादल भीषणता से गरज रहे थे। उनके स्वर की तीव्रता से किसी के भी कान फट जाते परन्तु इस अंधेरे में किसी की भी प्रतिक्रिया दिखाई नही दे रही थी। अंधेरे के गाढ़ा होने के साथ बदबू में बढ़ोतरी होती जा रही थी।

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आसमान का धुंधला पड़ा हुआ एक छोर, स्याहियां धरती से उठकर आकाश तक को घेरे हुए थीं। उजाले में जाते ही नष्ट हो जाने की संभावना को साथ लेकर जीने वालों के लिए यह स्थान संरक्षक का कार्य करता था। विस्तार त्रयी महाशक्तियों के साथ एक विशाल पर्वत पर बैठा हुआ था जो स्याह बादलों से घिरा हुआ था। उसके मुख पर चिंता के साथ व्याकुलता परिलक्षित हो रही थी, उसका स्याह चेहरा तमतमा रहा था।

"तुम क्या सबकुछ बता सकती हो कि क्या हुआ था?" विस्तार प्रश्नवाचक दृष्टि से डार्क फेयरीज़ को देखता हुआ बोला।

"यह समय उचित नही है, उचित समय आने पर सब जान जाओगे! बस उतना मानो जितना मैंने कहा है, हम किसी से कोई सम्बंध नहीं रख सकते विस्तार!" ऐश, विस्तार को शान्त करते हुए बोली।

"परन्तु तुम तो समय के पार हो, फिर तुम्हें क्या समस्या है।" विस्तार अपने प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए आतुर हो रहा था। उसके स्वर में हृदय की अधीरता स्पष्टया दिखाई दे रही थी जिसे त्रयी महाशक्तियों ने भी महसूस कर लिया था।

"समय के परे कुछ भी नही है विस्तार!" आँच धीमे से मुस्कुराते हुए बोली। "कोई अनन्तकाल तक जीवित तो रह सकता है परन्तु समय में कही भी विचरण करना सम्भव नही है।" आँच के स्वर में दर्शन की झलक थी।

"तो हम इस स्थान पर क्यों आये हैं जब हम में से किसी को उजाले में जाने पर कोई नुकसान नहीं होता!" विस्तार ने अगला सवाल दाग दिया, आज वह कोई बहुत शक्तिशाली और समझदार नजर नही आ रहा था बल्कि उनके मन में छिपा जिज्ञासु और छोटे बालक सा जिद्दी बना हुआ था।

"नही! हम जब भी उजाले की दुनिया में प्रवेश करते हैं स्वयं को उजाले से बचाकर रखते हैं अन्यथा हमारी शक्तियां क्षीण हो जाती हैं। तुम्हें ऐसा इसलिए नही हो रहा था क्योंकि तुम्हारी संरचना ऐसी थी परन्तु अब विस्तार शक्ति के पूर्णतः जागृत होने के बाद तुम भी बिना सुरक्षा कवच के उजाले के दुनिया में प्रवेश नही कर सकते।" मैत्रा ने विस्तार को समझाने का प्रयत्न किया।

"बस तुम्हें उतना ही याद रखना है, जितना हमने तुमसे कहा है विस्तार!" ऐश विस्तार के पास जाकर उठाते हुए बोली।

"मैं सत्य जानने के लिए बहुत उत्सुक हूँ और मैं उचित समय की प्रतीक्षा भी करूँगा। परन्तु इतना बताओ क्या मैं अब किसी की बात पर विश्वास कर सकूंगा?" विस्तार का हृदय अत्यधिक विचलित हो रहा था, उसे किसी बड़ी घटना की आशंका हो रही थी।

"ये तुम्हारे ऊपर है विस्तार! तुम क्या करते हो, क्यों करते हो ये सिर्फ तुम निर्णय कर सकते हो।" ऐश मुस्कुराते हुए बोली।

"अब हमें यहां से चलना चाहिए, अंधेरे के कुछ नुमाइंदे हमें ढूंढते हुए यहां पहुँचने वाले हैं।" मैत्रा सभी को वहां से जाने के लिए बोली।

"हम उन्हें एक झटके में मार सकते हैं फिर…."

"नही, यहाँ शक्ति का प्रयोग करने पर उन्हें हमारी उपस्थिति का पता चल जाएगा।"  विस्तार की बात को काटते हुए आँच बोली।

"और हमसे कोई उम्मीद न रखना, हम केवल कार्यभार को देखते हैं और काली शक्तियों को सीमा में रखते हैं।" ऐश मुस्कुराते हुए विस्तार को देखते हुए बोली।

"परन्तु अब हमारे ही शक्ति प्रदर्शन से शक्तियां अनियंत्रित हो चुकी हैं, इसे नियंत्रित करने तक हम तुम्हारी कोई मदद नही कर सकतीं।" आँच ने ऐश की बात को पूरा किया। 

"तुम कुछ समय पहले तक इतने समझदार और बहादुर लग रहे थे, अब क्या हुआ? ऐसे नासमझों जैसे हरकत करने का क्या कारण है!" मैत्रा विस्तार को ऐसी अवस्था में देख परेशान हुई।

"नही कुछ नही हुआ है! तुम सब अपना कार्य करने जाओ, शक्ति का संतुलन स्थापित करो तब तक मैं अपने द्वारा जाने अनजाने में हुए हर चीज को ठीक करता हूं।" विस्तार धीमे से मुस्कुराकर बोला, परन्तु यह मुस्कान जबरदस्ती से की हुई लग रही थी। डार्क फेयरीज़ और मैत्रा ने विस्तार से विदाई लिया और वहां से गायब हो गयी।

"क्या आचार्य ने झूठ बोला? तो क्या डार्क फेयरीज़ और मैत्रा से मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है?" विस्तार अब भी एक अनजाने भंवर डूबता जा रहा था। "अब मुझे भी यहाँ से जाना चाहिए।" विस्तार ने पुनः विचार किया।

विस्तार मुड़ते हुए एक ओर आगे बढ़ा, उसे सामने की ओर हलचल महसूस हुआ, वातावरण में शोर बढ़ता जा रहा था। अंधेरे के कारण कुछ भी नजर नही आ रहा था। विस्तार इन सबको नजरअंदाज कर एक ओर बढ़ गया, आज उसका मस्तिष्क तनिक भी कार्य नही कर रहा था। तेजी से आगे बढ़ते हुए विस्तार एक कठोर पृष्ठ से टकरा गया। उसके समक्ष हजारो जलती हुई खोपड़ियां खड़ी थी, वह सरकते हुए पीछे भागने लगा, अचानक से उसे याद आया कि वह तो स्याह ऊर्जा का बना जीव है अगले ही क्षण वह लड़ने को तैयार होने लगा। डार्क गार्ड्स की तादात अत्यधिक थी वहीं विस्तार अब काफी शक्तिहीन एवं स्वयं में उलझा हुआ प्रतीत हो रहा था।

क्रमशः….

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4 Comments

Farhat

25-Nov-2021 06:37 PM

Good

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Seema Priyadarshini sahay

07-Sep-2021 04:12 PM

बहुत खूबसूरत भाग

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Simran Ansari

04-Aug-2021 08:52 AM

Nice part

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Thank You

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